क्यू? कहलाते महादेव " भोलेनाथ"

क्यू कहा जाता हैं?  शिवजी को भोलेनाथ
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ॐ भगवान  शिवजी को अनेक  नामों  से जाना जाता हैं 

ॐ शंकर,शिव,शिवाय,भोलेनाथ,उमापति,महादेव आदि

ॐ लेकिन  महादेव को "भोलेनाथ" क्यू  कहा जाता है?




ॐ  देवो के देव महादेव  बड़े  ही सादगी प्रिय  हैं।  उनका 

ॐ निवास स्थान  'कैलाश  पर्वत ' हैं।  महादेव का वाहन 

ॐ बृष हैं,  महादेव  के मित्रगण भूत-पिशाच हैं।  महादेव

ॐ का श्रृंगार 'भस्म',नागहार हैं।  महादेव के वस्त्र  मात्र 

ॐ मृग छाल हैं।  महादेव का प्रिय  भोजन  'धतूरा' 'भांग '

ॐ हैं। कहने का मतलब  यह  है कि-शिवजी अत्यंत साधारण

ॐ भेषभूषा,रहन-सहन, भोजन के प्रतीक  हैं। 





                       क्यू  कहलाते है भोलेनाथ?
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 भगवान  शंकर  को 'भोलेनाथ ' भी  कहा जाता हैं, 

ॐकयोकि महादेव ही एक मात्र  ऐसे देव हैं, 

ॐ जो भक्त की जरा सी भक्ति में  ही प्रसन्न  हो जाते हैं। 

ॐ जैसा कि  विदित है  कि  'एक बार जब एक शिकारी 

ॐ अपने शिकार का पीछा करते-करते घने जंगल में 

ॐ भटक गया और रात एक बेल के  पेड़  पर काटी

ॐ अनजाने में  ही नीचे दबे शिवलिंग  पर बेल के 

ॐ पत्ते गिरता रहा। भगवान  शंकर  बेल पत्र के 

ॐ अर्पण  से बेहद प्रसन्न  होकर उन्होंने उस महा

ॐ शिकारी को दर्शन  दिए  और उसे पाप मार्ग  से

ॐ मुक्त  कराया दिया था। 

ॐ रावण की तपस्या  से प्रसन्न  होकर उसे अमर होने का

 ॐ वरदान दे दिया। भक्त महादेव को बेलपत्र और धतूरा

ॐ भांग  आदि वस्तुओ का  भोग  लगाते है तो,महादेव

ॐ प्रसन्न हो जाते है। इसलिये महादेव को  हम सभी

ॐ " भोलेनाथ" कहते हैं। 





त्याग  की भावना का प्रतीक 
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ॐ भोलेनाथ  त्याग  के प्रतीक  हैं। महादेव  ने

ॐ समुद्र  मंथन  के समय निकलने वाले

ॐ हलाहल नामक खतरनाक विष को खुद

卐 पीकर देवताओं  को अमृत  दान कर दिया था।

ॐ हलाहल को पीकर 'नीलकंठ ' कहलाए।  भोग

ॐ विलास, धन-दौलत से दूर हिमालय की ऊँची 

ॐ चोटी पर  स्थित  कैलाश पर्वत  पर  अपने

परिवार  सहित विराजे।
ॐ भोलेनाथ हमेशा  अपने भकतो और देवताओ के 

ॐ कल्याण  हेतु सदैव ही  तैयार रहते हैं। 

ॐ उनका श्रृंगार बडा़  ही निराला हैं  गले में  नाग

 की माला,  तन पर शमशान  की राख का लेप, रूदाक्ष की

ॐ माला, वस्त्र  में  मृग छाल, हाथ मे त्रिशूल र डमरू यह हैं 

ॐ भोलेनाथ  का अद्भूत  श्रृंगार। वाकई  भोलेनाथ हैं महादेव। 



माँ गंगा और चंद्रमा  को किया शीश पर धारण
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ॐ भोलेनाथ  ने जन कल्याण  हेतु  भगीरथ द्वारा 

ॐ आहवान की गई माँ  गंगा  की विशाल धारा को 

ॐ अपनी जटा में  धारण किया था। चंद्रमा  का 

ॐ अभिमान का अंत करने हेतु उन्होंने  चंद्रमा  को 

ॐ अपने शीश पर धारण किया था।




नारी शक्ति का सम्मान 
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ॐ महादेव ही ऐसे देव है जिन्होंने  नारी शक्ति  को

ॐ सम्मान  दिया। महादेव 'अर्धनारीश्वर ' कहलाते हैं 

ॐ उनहोंने  अपनी पत्नी  को सम्मान  देने हेतु  स्वयम 

ॐ को अर्धनारीश्वर का रूप दिया था। महादेव अपनी

ॐ शक्ति  का प्रमुख  आधार नारी शक्ति को  ही मानते

ॐ थे।शिव शक्ति के बिना अधूरे माने जाते हैं। 

卐 शिव ही ऐसे देव है जिन्होंने माँ  काली के क्रोध  को

ॐ कम करने हेतु स्वयम  को उनके आगे प्रस्तुत  कर 

ॐ दिया था। महादेव  ही नारी शक्ति  को  सम्मान  दिलाने 

ॐ वाले देवता हैं। 



卐卐卐 हर हर महादेव 卐卐卐











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