अनुभव :- गमले वाली दे गई सीख।
गमले वाली दे गई सीख।
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आज सुबह हमारे घर एक गमला बेचने वाली निर्धन
सी महिला आई । जरूरत न होते हुए भी उस महिला
की दशा देखकर माँ ने 2 गमले खरीद लिये। गमले वाली
उस महिला ने माँ को ढेर सारी दुआएं दी। उस महिला
के चेहरे पर गमले बिकने की खुशी देखते ही बन रही थी।
माँ ने उससे 2 गमले के 40 रूपये दिये, तो वो दोनों नोट
को बड़े ही ध्यान से उलट-पलट कर देखने लगी । हम
चुपचाप देख रहे थे। तभी गमले वाली महिला ने कहा
'दीदी, देखो यह दोनों नोट एक जैसे नहीं है, दोनों में
अलग-अलग डिजाइन बनी है, आप यह नोट बदल दो
न' । मैंने तुरंत उससे दोनों नोट लिए और चेक किया
तो देखा वाकई एक नोट 'नकली' था। तब माँ ने बताया
कि अभी बाजू वाली दुकानदार ने उन्हे यह नोट दिया था।
माँ ने तुरंत दुकानदार को नोट वापस किया और दूसरा
नोट लेकर उ गमले वाली महिला को दे दिया। वो माँ
को धन्यवाद देकर तो चली गई, लेकिन हम पढे-लिखे
लोगों को यह सबक दे गई कि -' पैसो के लेन-देन पर
कभी किसी पर आँख मूंद कर विश्वास नहीं करना
चाहिए'। उस अनपढ़ महिला ने बड़ी समझदारी का
परिचय दिया ,कि रूपये चाहे कम हो या ज्यादा हमेशा
अच्छी तरह देखकर ही लेन-देन करना चाहिए।
हम अक्सर जल्दी में या आदत से मजबूर रूपये को
लेते या देते समय न तो चैक करते हैं और न ही गिनते
बाद में पश्चाताते हैं। इस छोटी सी घटना से मैंने यह
सीख ली कि हमेशा 'रूपये लेते समय अच्छे से चैक
करके ही लूंगी।
सीख:- ' जरूरी नहीं कि अच्छी शिक्षा हमें, बड़े -बड़े
ज्ञानीजन से ही मिलती हैं। कभी-कभी हमें साधारण
लोग भी बड़ी भारी शिक्षा दे देते है।
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आज सुबह हमारे घर एक गमला बेचने वाली निर्धन
सी महिला आई । जरूरत न होते हुए भी उस महिला
की दशा देखकर माँ ने 2 गमले खरीद लिये। गमले वाली
उस महिला ने माँ को ढेर सारी दुआएं दी। उस महिला
के चेहरे पर गमले बिकने की खुशी देखते ही बन रही थी।
माँ ने उससे 2 गमले के 40 रूपये दिये, तो वो दोनों नोट
को बड़े ही ध्यान से उलट-पलट कर देखने लगी । हम
चुपचाप देख रहे थे। तभी गमले वाली महिला ने कहा
'दीदी, देखो यह दोनों नोट एक जैसे नहीं है, दोनों में
अलग-अलग डिजाइन बनी है, आप यह नोट बदल दो
न' । मैंने तुरंत उससे दोनों नोट लिए और चेक किया
तो देखा वाकई एक नोट 'नकली' था। तब माँ ने बताया
कि अभी बाजू वाली दुकानदार ने उन्हे यह नोट दिया था।
माँ ने तुरंत दुकानदार को नोट वापस किया और दूसरा
नोट लेकर उ गमले वाली महिला को दे दिया। वो माँ
को धन्यवाद देकर तो चली गई, लेकिन हम पढे-लिखे
लोगों को यह सबक दे गई कि -' पैसो के लेन-देन पर
कभी किसी पर आँख मूंद कर विश्वास नहीं करना
चाहिए'। उस अनपढ़ महिला ने बड़ी समझदारी का
परिचय दिया ,कि रूपये चाहे कम हो या ज्यादा हमेशा
अच्छी तरह देखकर ही लेन-देन करना चाहिए।
हम अक्सर जल्दी में या आदत से मजबूर रूपये को
लेते या देते समय न तो चैक करते हैं और न ही गिनते
बाद में पश्चाताते हैं। इस छोटी सी घटना से मैंने यह
सीख ली कि हमेशा 'रूपये लेते समय अच्छे से चैक
करके ही लूंगी।
सीख:- ' जरूरी नहीं कि अच्छी शिक्षा हमें, बड़े -बड़े
ज्ञानीजन से ही मिलती हैं। कभी-कभी हमें साधारण
लोग भी बड़ी भारी शिक्षा दे देते है।
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