वक्त ( कविता)
वक्त
वक्त की अदा बड़ी निराली है
जिंदगी पल में बदल डाली हैं ।
आज हैं राजा ,तो कल जेब खाली है,
वक्त के पास तलवार पैंतरे वाली है।
वक्त अच्छा हो तो, सब यार हमारे है,
वक्त का जो हो फेर बुरा, तो कहाँ यारी है ?
वक्त न किसी के लिए थमा हैं, न थमेगा,
वक्त तो गुरू सबका बडा़ मस्त हैं ।
अच्छा हो तो भी सीखता, बुरा तो भी
सीख देकर ही गुजर जाता है।
वक्त की ताकत सबने मानी है,
वक्त के आगे न चले किसी की मनमानी है।
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